लक्ष्मीजी को बहुत ज्यादा प्रिय है ये 1 चीज़, इसे घर में रखने से आता है सुख और पैसा
महामेरु श्री यंत्र महालक्ष्मी पराविद्या का साक्षात स्वरूप है। इसकी स्थापना से सौभाग्य के दरवाजे खुलते हैं। इसकी अधिष्ठात्री देवी श्री ललिता हैं। कहते हैं जब सृष्टी में कुछ भी नहीं था तब मां श्री विद्या के विचार से एक मेरु उत्पन्न हुआ। वही मेरु श्री यंत्र कहलाया। इसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित सभी देवियों का वास है। इसकी पूजा करने से हर सुख की प्राप्ति होती है।
कैसी होती है बनावट
जिस तरह मंत्र की शक्ति उसके शब्दों में होती है। ठीक उसी तरह यंत्र की शक्ति उसकी रेखाओं व बिंदुओं में होती है। श्री यंत्र में 9 त्रिकोण यानी त्रिभुज होते हैं। जो निराकार शिव की 9 मूल प्रकृतियों के संकेत है। 9 से मिलकर ही 45 नए त्रिभुज बनते हैं जो कि 45 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। मध्य में सबसे छोटे त्रिभुज के बीच एक बिंदू होता है। जो समाधि का सूचक है यह शिव शक्ति का संयुक्त रूप है। कुल 9 चक्र होते हैं जो कि 9 अधिष्ठात्री देवियों का प्रतीक है
क्यों माना जाता है श्री यंत्र को खास
shree yantra
महामेरु श्री यंत्र महालक्ष्मी पराविद्या का साक्षात स्वरूप है। इसकी स्थापना से सौभाग्य के दरवाजे खुलते हैं। इसकी अधिष्ठात्री देवी श्री ललिता हैं। कहते हैं जब सृष्टी में कुछ भी नहीं था तब मां श्री विद्या के विचार से एक मेरु उत्पन्न हुआ। वही मेरु श्री यंत्र कहलाया। इसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश सहित सभी देवियों का वास है। इसकी पूजा करने से हर सुख की प्राप्ति होती है।
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कैसी होती है बनावट
जिस तरह मंत्र की शक्ति उसके शब्दों में होती है। ठीक उसी तरह यंत्र की शक्ति उसकी रेखाओं व बिंदुओं में होती है। श्री यंत्र में 9 त्रिकोण यानी त्रिभुज होते हैं। जो निराकार शिव की 9 मूल प्रकृतियों के संकेत है। 9 से मिलकर ही 45 नए त्रिभुज बनते हैं जो कि 45 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। मध्य में सबसे छोटे त्रिभुज के बीच एक बिंदू होता है। जो समाधि का सूचक है यह शिव शक्ति का संयुक्त रूप है। कुल 9 चक्र होते हैं जो कि 9 अधिष्ठात्री देवियों का प्रतीक है।
क्यों माना जाता है श्री यंत्र को खास …
श्री यंत्र के प्रकार
पारद श्री यंत्र-सिद्धि व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
मेरु पृष्ठ अष्टधातु-परिवार, सुख व धन पाने के लिए।
*स्फटिक श्री यंत्र-शांति, विद्या व समृद्धि के लिए।*
*स्वर्ण यंत्र-व्यवसाय के लिए।*
*पिरामिड श्री यंत्र-धन , ध्यान व स्वास्थ्य के लिए।
*तांबे का श्री यंत्र-धन व समृद्धि।
*रजत पत्र-धन, सुख व दान के लिए।
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कैसे रखें
*एक लाल कपड़ा बिछाकर उस पर महामेरु रखें। उसके एक तरफ जल का कलश रखें व उस पर श्रीं यानी लक्ष्मी के बीज मंत्र का उच्चारण करते हुए। अंगूठे रिंग फिंगर व मिडिल फिंगर से कुमकुम चढ़ाएं। इस तरह 11 दिन तक इसका अभिषेक करें। फिर इसे अपने धन स्थान पर रखें। कभी धन खत्म नहीं होगा।
इस यंत्र को रखने के फायदे
- श्रीयंत्र के पूजन से रोगों का नाश होता है।
- आपार धन, समृद्धि, यश, कीर्ति मिलती है।
*- रुके काम बनने लगते हैं।
*- व्यापार की रुकावट खत्म होती है।
*- एकाग्रता बढ़ती है।
*- बीमारियां दूर होती हैं।
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