तिलक लगाने में सहायक हाथ की अलग-अलग अंगुलियों का भी अपना महत्व

तिलक लगाने में सहायक हाथ की अलग-अलग अंगुलियों का भी अपना महत्व है।

अनामिका शांति दोक्ता,मध्यमायुष्यकरी भवेत्। अंगुष्छठ:पुष्टिव:प्रोत्त,तर्जनी मोक्ष दायिनी।।

अर्थात् तिलक धारण करने में अनामिका अंगुली मानसिक शांति प्रदान करती है, मध्यमा अंगुली मनुष्य की आयु वृद्धि करती है, अंगूठा प्रभाव, ख्याति और आरोग्य प्रदान करता है, इसलिए विजयतिलकअंगूठेसे ही करने की परम्परा है। तर्जनी मोक्ष देने वाली अंगुली है। इसलिए मृतक को तर्जनी से तिलक लगाते हैं।

Post a Comment

0 Comments