कैसे करे मोर पंख से नवग्रह दोष
हिन्दू धर्म में मोर के पंखों का विशेष महत्तव है। शास्त्रों के अनुसार मोर के पंखों में सभी देवी-देवताओं और सभी नौ ग्रहों का वास होता है*
घर का वास्तु ठीक करने का उपाय*
घर का द्वार यदि वास्तु के विरुद्ध हो तो द्वार पर तीन मोर पंख स्थापित करें।*
शनि की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय*
शनिवार को तीन मोर पंख ले कर आएं। पंख के नीचे काले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ तीन सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें-
ऊँ शनैश्वराय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– तीन मिटटी के दीपक तेल सहित शनि देवता को अर्पित करें।*
– गुलाब जामुन या प्रसाद बना कर चढ़ाएं।
चंद्र की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
सोमवार को आठ मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे सफेद रंग का धागा बांध लें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ आठ सुपारियां भी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊँ सोमाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– पान के पांच पत्ते चंद्रमा को अर्पित करें। बर्फी का प्रसाद चढ़ाएं।
मंगल की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
मंगलवार को सात मोर पंख लेकर आएं, पंख के नीचे लाल रंग का धागा बांध लेँ। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ सात सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें…
ऊँ भू पुत्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– पीपल के दो पत्तों पर चावल रखकर मंगल ग्रह को अर्पित करें। बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।
बुध की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
बुधवार को छ: मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे हरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ छ: सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊँ बुधाय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– जामुन बुद्ध ग्रह को अर्पित करें। केले के पत्ते पर रखकर मीठी रोटी का प्रसाद चढ़ाएं।
गुरु की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
गुरुवार को पांच मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे पीले रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ पांच सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊँ ब्रहस्पते नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– ग्यारह केले बृहस्पति देवता को अर्पित करें।
– बेसन का प्रसाद बनाकर गुरु ग्रह को चढ़ाएं।
शुक्र की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
शुक्रवार को चार मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे गुलाबी रंग का धागा बांध लेँ। एक थाली में पंखों के साथ चार सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊँ शुक्राय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा
– तीन मीठे पान शुक्र देवता को अर्पित करें।
– गुड़-चने का प्रसाद बना कर चढ़ाएं।
सूर्य की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
रविवार के दिन नौ मोर पंख लेकर आएं और पंख के नीचे मैरून रंग का धागा बांध लें। इसके बाद एक थाली में पंखों के साथ नौ सुपारियां रखें, गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
मंत्र- ऊँ सूर्याय नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
इसके बाद दो नारियल सूर्य भगवान को अर्पित करें।
राहु की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
शनिवार को सूर्य उदय से पूर्व दो मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे भूरे रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंखों के साथ दो सुपारियां रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें…
ऊँ राहवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– चौमुखा दीपक जलाकर राहु को अर्पित करें।
– कोई भी मीठा प्रसाद बनाकर चढ़ाएं।
केतु की अशुभ दशा से मुक्ति के लिए उपाय
शनिवार को सूर्य अस्त होने के बाद एक मोर पंख लेकर आएं। पंख के नीचे स्लेटी रंग का धागा बांध लें। एक थाली में पंख के साथ एक सुपारी रखें। गंगाजल छिड़कते हुए 21 बार इस मंत्र का जप करें।
ऊँ केतवे नमः जाग्रय स्थापय स्वाहा:
– पानी के दो कलश भरकर राहु को अर्पित करें।
– फलों का प्रसाद चढ़ाये।
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