राहु के प्रभाव,राहु की दशा,राहु की अन्य ग्रहों से युति एवं दृष्टि संबंध
जब भी किसी जातक की राहू की दशा चलती है राहू जिस भाव में होता है जिस ग्रह से युति करता है,जिस ग्रह से दृष्टि संबंध बनता है उन उन भाव और ग्रहों को प्रभावित करता है,राहू लालच का कारक है,जो है उसमे संतुष्ट नहीं होने देता,अधिकता की तरफ आकर्षित कर के गलत कार्य करवा देता है,जिसने इसमें लोक लाज,संस्कार अपनी इज्जत सब दाव पर लगा देता है।
राहू के प्रभाव से वह हर वो गलत कार्य कर जाता है जो आम इंसान करने की सोचता भी नही है,राहू जिस ग्रह से युति करता है उसकी शुभता को प्रभावित करता है,अगर ग्रह राहु से अंशो में मजबूत है तो राहु का प्रभाव कम हो जाएगा ,अगर ग्रह कमजोर है तो राहु उसको अपने काबू में कर के अनैतिक कार्य की तरफ ले जाएगा।
ज्योतिष आचार्य श्वेता ओबेरॉय
संपर्क सूत्र 8527754150
ऐसे में जब भी किसी जातक की राहू की दशा आए उसको चाहिए वह सावधान हो जाए और किसी भी कार्य को करने से पहले किसी बुजुर्ग की सलाह जरूर लें,किसी भी कार्य में जब अधिकता का आकर्षण नजर आए तो पहले उसको परखे,फिर फैसला करे।
राहु की किस ग्रह से युति होने पर की प्रभाव होते है ये जाने,
राहु शनि की युति या दृष्टि संबंध होने पर इंसान के संबंध अपने से छोटे लोगो से होते है,वह उनसे जल्दी प्रभावित हो जाता है,यह शनि की स्थिति अगर खराब है तो छोटी सोच के लोग जुड़ जाते है और जातक उनसे प्रभावित हो जाता है,शनि की स्थिति अच्छी होने पर इंसान अपने से बड़े स्तर के लोगो से प्रभावित होता है और जीवन में अच्छी ऊंचाई पता है।
मंगल और राहु ऐसे ही जब राहु मंगल से प्रभावित होता है तो कमजोर मंगल जहा लड़ाई झगड़ा करने वालो से निकटता करवा देता है खुद इंसान लड़ने और मरने मारने की बात करता है,वही मजबूत मगल आपको सरकारी अफसरों से मित्रता करवाता है,सरकारी नौकरी में सक्रिय होता है।
सूर्य और राहु= कमजोर सूर्य हो तो इंसान सरकारी कर्मचारी से छोटे छोटे लाभ लेता है,जैसे रिश्वत
सूर्य मजबूत होने पर इंसान नेता बनता है राजनीति में सक्रिय होता है।
बुध और राहु = बुध कमजोर इंसान की छोटी सोच,झूठ बोलना, बातों को तोड़ मरोड़ कर कहना,अपनी बड़ाई करना,चुगली करना,ये थोथा चना जैसे होते है।
मजबूत बुध इंसान किसी की बात में नही आता,अपनी जीवन का पक्का होता है,सोच समझ कर फैसला लेता है,झूठ नही बोलता किसी की बताओ में नही आता।
गुरु और राहु कमजोर गुरु इंसान कुछ सीख नही पता,अनुभवी नही होता,सुनी सुनाई बातों को सच मानता है,थोड़ी जानकारी में खुश रहता है
मजबूत गुरु अनुभवी होता है,चोजो को उच्च स्तर पर परखना,फिर फैसला करना, बड़ो का सम्मान करना अपने धर्म का सम्मान करना, ऐसे लोग कान के कच्चे नही होते
चंद्र और राहु चंद्र कमजोर होने पर इंसान हो वहम बहुत होता है,शक करना,किसी पर विश्वास नहीं करता, मन में हमेशा भय रहना,पानी से डरना,नींद न आना,रात को जागना।
मजबूत चंद्र अपने कार्य को मन लगा कर करना,खुद पर विश्वास रखना,सुंदर आखे,आत्मविश्वास से बात करना दूसरो को प्रभावित करना।
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