गज केसरी योग कैसे बनता है, कब बनता है, क्यों फलित नही होता, कब फलित होता है जाने ज्योतिष आचार्य श्वेता ओबेरॉय से/Gaj Kesri Yog Explain by Astrologer Shweeta Oberoi


गज केसरी योग आम तौर पर सब की कुंडली में होता है,पर शनि,राहु,केतु की बीच में आने से फलित नही होते ,

गुरु और चंद्र के केंद्र और त्रिकोण में आने से गज केसरी योग बनता है,गुरु और चंद्र दोनो समान अंशो पर होना जरूरी है गुरु एक भारी ग्रह है जहा गुरु बैठ जाते है ये उस भाव के प्रभाव को कम और जहा दृष्टि डालते है वहा से प्रभाव ज्यादा देते है वही चंद्र पर जिस ग्रह की दृष्टि पड़ती है ये वैसा प्रभाव देते है,गुरु चंद्र की राशि में उच्च के होते है,जिसके कारण जब ये युति, प्रीति युति,दृष्टि संबंध बनते है, तब ये योग फलित होता है, इस योग में धन लाभ,मान सम्मान,उच्च स्तरीय नोकरी,सरकार से लाभ,राजनीति में प्रवेश,और राजनीति से लाभ मिलता है जातक को अपने कारोबार से बड़ा लाभ मिलता है।

कब गज केसरी योग फलित नही होता?
गज केसरी योग तब फलित नही होता जब गुरु और चंद्र के अंशो में अधिक दूरी हो,चंद्र पर राहु,केतु,शादी की दृष्टि हो,गुरु और चंद्र के अंशो में कमजोरी हो तब ये योग फलित नही होता या पूर्ण लाभ नहीं देता। ऐसे में अच्छे अवसर हाथ से निकल जाते है,जातक स्वयं अपनी गलतियों के कारण बड़े अवसरों को छोड़ता जाता है,आत्मविशास की कमी के कारण वह सही समय पर सही फैसला नहीं ले पाता है।राहु शनि जैसे ग्रहों की टक्कर के कारण इंसान अपनो से ही धोखा खाता है और असफल होता है।

आपकी कुंडली में अगर ये योग है तो उसको चेक करे ये कब फलित होगा कही उस पर कोई पापी ग्रह की दृष्टि तो नही ,उसका उपाय करे और अपने जीवन में ऐसे योगों का पूर्ण लाभ ले।

ज्योतिष आचार्य श्वेता ओबेरॉय 
संपर्क सूत्र 8527754150
समय 11Am to 8 Pm

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