अक्षय तृतीया महामुहूर्त : 500 साल बाद बन रहे हैं सौभाग्य और छत्र योग

अक्षय तृतीया महामुहूर्त : 500 साल बाद बन रहे हैं सौभाग्य और छत्र योग
आमतौर पर अक्षय तृतीया का पर्व स्वयं सिद्ध मुहूर्त माना जाता है। अर्थात् इस दिन किसी मुहूर्त को देखने की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन को संपूर्ण रूप में शुद्ध और शुभ माना गया है लेकिन अगर इस दिन और भी पवित्र संयोग बन जाए तो शुभता में श्री वृद्धि हो जाती है। साल 2017 में अक्षय तृतीया के दिन ऐसे ही शुभ योगों का मंगल-मिलन हो रहा है। इस दिन दो सबसे खास योग सौभाग्य और छत्र दोनों का महामिलन हो रहा है अत: यह शादी के साथ अन्य विशेष कार्यों के लिए भी शुभदायक होगी।
अक्षय तृतीया (आखा तीज) इस बार 28 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन 500 सालों बाद सौभाग्य योग तथा छत्र योग का संयोग बन रहा है। अत: अक्षय तृतीया पर स्नान, दान और मांगलिक कार्यों का फल कई गुना अधिक शुभ फलदायी माना जा रहा है।
शुक्र गोचर में उच्च का है जो स्पष्ट संकेत दे रहा है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अक्षय प्रदान करेगा। इस दिन कृतिका नक्षत्र है जो कि सूर्य प्रधान है। वर्तमान गोचर में लग्न में सूर्य उच्च का होकर बुध की युति में व्याप्त है। अतः यह तिथि अत्यंत शुभदायी है।

अक्षय तृतीया के श्रेष्ठ मुहूर्त में करें ये काम, जमकर बरसेगा धन

वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है।

वैदिक पंचांगम के महूर्त प्रणाली में इंगित चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक मानी गई है।

‘अक्षय’ का अर्थ है ‘जिसका कभी क्षय न हो’ अर्थात जो कभी नष्ट न हो। धर्म की रक्षा हेतु भगवान विष्णु ने अनेक अवतार लिए हैं, जिसमें नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के तीन पवित्र अवतार अक्षय तृतीया को उदय हुए थे।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन को ‘सर्वसिद्धि मुहूर्त’ भी कहा गया है, क्योंकि इस दिन शुभ काम के लिये पंचांग देखने की ज़रूरत नहीं होती।

शास्त्रनुसार इसी दिन से सतयुग, किंतु कल्पभेद से त्रेतायुग की शुरुआत होने से इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है।

वैशाख मास में सूर्य के तेज से प्रत्येक जीवधारी क्षुधा पिपासा से व्याकुल हो उठता है। अतः इस तिथि में शीतल जल, कलश, चावल, चना, दूध, दही व पेय पदार्थों का दान अक्षय व अमिट पुण्यकारी माना गया है।

इस दिन गंगा-जमुनादि तीर्थों में स्नान तथा शिव-पार्वती व नर नारायण की पूजा का विधान है।

क्या करें
यह अबूझ मुहूर्त सगाई एवं विवाह के लिए सर्वोत्तम है।

मान्यता है कि इस दिन सोने की खरीद से घर में सोने सी चमक आ जाती है। इस दिन किया गया कार्य स्थायी रहता है।

इसके अतिरिक्त दीर्घकालीन निवेश जैसे प्लाट, फ्लैट, स्थायी प्रापर्टी, बीमा पालिसी, शेयर, म्यूचुअल फंड, आभूषण, सोना, चांदी, वाहन क्रय, नौकरी के लिए आवेदन, नया व्यवसाय आरंभ, मकान की नींव आदि, भवन क्रय के लिए एग्रीमैंट, विदेश यात्रा, नया व्यापार आरंभ आदि के लिए चिरंजीवी दिन है। शुक्र ग्रह, सुख-सुविधा एवं ऐश्वर्य का प्रतीक है।

इस दिन गृहोपयोगी सामान भी खरीदा जा सकता है। विलासिता, श्रृंगार, भवन के नवीनीकरण से संबंधित वस्तुएं घर में लाना शुभ माना गया है।

इस दिन घर-घर बरसेगा धन, जो खरीदेंगे वो अक्षय हो जाएगा। वाहन का क्रय बिना कोई मुहूर्त देखे अक्षय तृतीया पर किया जा सकता है।

खरीदारी के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त: शुक्रवार दिनांक 28.04.17 – दोपहर 13:40 से शाम 15:34 तक।

लक्ष्मी पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्त: शुक्रवार दिनांक 28.04.17 – शाम 19:59 से रात 22:15 तक।

तांत्रिक पूजन हेतु श्रेष्ठ मुहूर्त: शनिवार दिनांक 29.04.17 – रात 24:20 से रात 26:07 तक।

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