हम कई बार कुछ कुंडली में गलती देखते है पहली गलती जो हाथ से बनी हुई होती है उसमें जन्म समय लिखा हुआ होता है और कुंडली किसी और समय की बनी हुई होती है।

हम कई बार कुछ कुंडली में गलती देखते है पहली गलती जो हाथ से बनी हुई होती है उसमें जन्म समय लिखा हुआ होता है और कुंडली किसी और समय की बनी हुई होती है।

आज रविवार भी हे और हम सूर्य से जन्म समय कैसे देखते है उसका अभ्यास करेगे।कुंडली में 12 घर को भाव कहते हे।

हम अगर सूर्य को पहले अर्थात लग्न में सूर्य को रखते है तो सुबह 06 से 8 तक,

बाहरवें घर में सूर्य हो तो सुबह 08 से 10तक,

सूर्य ग्याहरवें घर में हो तो सुबह 10 से 12,

सूर्य दसवे घर में हो तो दोपहर 12 से 2 बजे तक,

सूर्य नवे घर में हो तो दोपहर 2 से 4 बजे तक,

सूर्य आठवें घर में हो तो शाम 4 से 6 बजे तक,

सूर्य सातवे घर में हो तो  शाम 6 से 8 बजे तक,

सूर्य छठे घर में हो तो शाम 8 से 10 बजे तक ,

सूर्य पाँचवे घर में हो तो रात्रि 10 से 12 बजे तक,

सूर्य चौथे घर में हो तो मध्य रात्रि 12 से 2 बजे तक,

सूर्य तीसरे घर में हो तो रात्रि 2 से 4 बजे तक

सूर्य दूसरे घर में हो तो सुबह 4 से 6 बजे के आसपास का समय समझना चाहिए।

सूर्य मेष राशि में हो तो 14 अप्रेल से 13 मई के मध्य,

सूर्य वर्षभ राशि में हो तो 14 मई से 13 जून तक,

सूर्य मिथुन राशि में हो तो 14 जून से 13 जुलाई तक

सूर्य  कर्क राशि में हो तो 14 जुलाई से 13 अगस्त तक

सूर्य सिंह राशि में हो तो 14 अगस्त से 13 सितम्बर तक

सूर्य कन्या राशि में हो तो 14 सितम्बर से 13 अक्टूबर तक

सूर्य तुला राशि में हो तो 14 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक

सूर्य व्रश्चिक राशि में हो तो 14 नवम्बर से 13 दिसम्बर तक
सूर्य धनु राशि में हो तो 14 दिसम्बर से 13 जनवरी तक
अगर सूर्य मकर में हो तो 14 जनवरी से 13 फरवरी तक

सूर्य कुम्भ में हो तो 14 फरवरी से 13 मार्च  तक

सूर्य मीन में हो तो 14 मार्च से 13 अप्रेल के मध्य जन्म तारीख समझनी चाहिए।

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